mse exchange revival

एमएससीआई (Metropolitan Stock Exchange of India) के इंडेक्स को पुनः सक्रिय करने के संबंध में चर्चा की जा रही है, जिसमें यह नई “सप्ताहिक एक्सपाइरी” (weekly expiry) के साथ जनवरी 2025 से लागू होगा। एमएससीआई ने अपने शुक्रवार के सप्ताहिक एक्सपाइरी अनुबंधों को पेश करने की मंजूरी ले ली है, जिससे नए ऑप्शन ट्रेडर्स को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, इसके साथ कुछ चिंताएँ भी जुड़ी हुई हैं, खासकर जब शेयर बाजार में ब्रोकरों का एक्सचेंज में हिस्सेदारी होना एक “कन्फ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट” (conflict of interest) का कारण बन सकता है।

इससे पहले कई व्यापारिक संस्थाओं ने ऐसे मामलों में अपना पक्ष रखा है, जिसमें ब्रोकरों द्वारा एक्सचेंज में हिस्सेदारी खरीदी जाती है, जिससे बाद में किसी भी शिकायत या विवाद को हल करने में पारदर्शिता की कमी हो सकती है। ऐसे मामलों में, अगर एक ब्रोकर के खिलाफ शिकायत आती है, तो उस ब्रोकर के हिस्से के होने के कारण एक्सचेंज खुद उसकी जांच में निष्पक्षता बनाए रखने में कठिनाई महसूस कर सकता है।

इसके अलावा, सप्ताहिक एक्सपाइरी के पेशकश से विकल्प व्यापारियों के लिए नया अवसर उत्पन्न हो सकता है, लेकिन यह भी ध्यान देने की बात है कि अगर यह एक्सपाइरी ज्यादा बढ़ाई जाती है तो इससे ट्रेडर्स के लिए नुकसान भी हो सकता है। इस संदर्भ में, सेबी (SEBI) ने पहले ही इस प्रकार की एक्सपाइरी के बारे में चेतावनी दी है, क्योंकि अति एक्सपाइरी से ट्रेडर्स को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

एमएससीआई इंडेक्स की इस नई योजना के तहत, एक्सपाइरी की बढ़ी हुई संख्या को लेकर सवाल उठते हैं कि क्या यह निर्णय खुद ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद होगा या फिर इसे बाजार में किसी प्रकार का असंतुलन पैदा करने के रूप में देखा जाएगा।